एक कदम नशा मुक्ति की और…..
भारत को युवा देश माना जाता है। हमें युवाओं को नशे से बचाकर युवा शक्ति का राष्ट्र निर्माण में प्रयोग करना है। नशा एक गंभीर समाजिक बुराई है। नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिये समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और ध्रूमपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थो का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचानें के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। बीड़ी, सिगरेट, गांजा, भांग, अफ़ीम या चरस पीने वालों को जब भरपूर नशा प्राप्त नहीं होता है, तब वे शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो की ओर अग्रसर होते हैं । नशा किसी प्रकार का भी हो व्यक्तित्व के विनाश, निर्धनता की वृद्धि और मृत्यु के द्धार खोलता है। इस के कारण परिवार तक टूट रहे हैं। आज का युवा शराब और हेरोइन जैसे मादक पदार्थो का नशा ही नहीं बल्कि कुछ दवाओं का भी इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहा है। ऐसी बुरी आदतों को खत्म करना बहुत ही जरुरी बन गया है जैसा कि हम सभी जानते है ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी जानलेवा बिमारी होती है और यह चेतावनी सभी तम्बाकू उत्पादों पर अनिवार्य रूप से लिखी होती है, लगभग सभी को यह पता भी है। परन्तु लोग फिर भी इसका सेवन बड़े ही चाव से करते हैं। यह मनुष्य की दुर्बलता ही है कि वह उसके सेवन का आरंभ धीरे-धीरे करता है पर कुछ ही दिनों में इसका आदी हो जाता है, एक बार आदी हो जाने के बाद हम इसका सेवन करें न करें, तब वह बेताब हो जाता है शराब या अन्य मादक पदार्थ जीवन के लिए जरूरी नहीं है। स्वतंत्र भारत ने भी संविधान के भाग 4 की 47वीं धारा के अनुसार मादक पदार्थो का विरोध किया है । इस में कहा गया हे कि सरकार मादक पेयों का रोकने का प्रयास करेगी। अभी देश में पांच राज्यों गुजरात, नागालैंड, मिजोरम, केरल और मणिपुर तथा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में कानूनन शराबबंदी लागू है। केवल सरकारों के द्वारा नियम बनाने से यह बुराई समाप्त नहीं हो सकती। सभी के साथ सहकार से शराब तथा अन्य मादक पदार्थो से उत्पन्न होने वाली बुराइयों से निपटने के लिए जागरूकता का प्रसार-प्रचार करना आवश्यक है।
उड़ान फाउंडेशन द्वारा लोगो को जागृत करने का कार्यकर्म किया जा रहा है, ऐसे लोग जो बुरी तरह से नशे के आदि हो चुके है उहने काउंसिलिंग कर के तथा मेडिसिन के मदद से खुद को नशे जेसी बुरी आदत से बाहर निकाल सके , मदद की जा रही है! उड़ान फाउंडेशन बीड़ी, सिगरेट, गांजा, भांग, अफ़ीम या चरस पीने वालों को किस प्रकार इन बुरी आदतों को छोड़ सकते है , कैसे इसमें से बहार निकल सकते है उन लोगो की मदद करते हैं, तथा हमारे आस पास लोग नशे के आदि न बने इसके लिए जागरूकता प्रचार प्रसार किया जाता हैं!