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कंप्यूटर की पीढ़ियां — Computer Generation

आजकल कंप्यूटर बहुत जरूरी और उपयोगी माना जाता है और है भी, तथा कंप्यूटर को समय समय पर विकसित भी किया गया है और आज कंप्यूटर बहुत ज्यादा उपयोगी बन चुका है।
 
कंप्यूटर का विकास कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियों के द्वारा ही हुआ है। जिसकी शुरुआत “वैक्यूम ट्यूब” से 1940 में हुई थी।
 
कंप्यूटर की अभी तक 5 पीढ़ियां आ चुकी हैं और प्रत्येक पीढ़ी में तकनीकी विकास के कारण उन्होंने कंप्यूटर का काम करने का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है।
 

कंप्यूटर की पीढ़ियां || Computer Generation
कंप्यूटर का विकास

 

1. पहली पीढ़ी ( 1946 – 1956 ) वैक्यूम ट्यूब

 
प्रथम पीढ़ी में कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था।
वैक्यूम ट्यूब के प्रयोग के कारण पहली पीढ़ी में कंप्यूटर से ज्यादा बिजली खर्च होती थी और यह एक बहुत बड़ी समस्या भी थी।
Vacuum tube, प्रथम पीढ़ी
Vacuum tube
इन कंप्यूटरों में बाइनरी भाषा का इस्तेमाल किया जाता था और बाइनरी भाषा को काम में लाना मुश्किल भी था क्योंकि बाइनरी भाषा में सभी निर्देश 0 तथा 1 के माध्यम से ही लिखे जाते है। जिनमें गलतियों को पहचानना तथा सुधारना बेहद मुश्किल काम होता है। यह कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर सकते थे।
इन कंप्यूटरों में इनपुट के लिए पंच कार्ड और आउटपुट के लिए प्रिंट आउट का प्रयोग किया जाता था।

2. दूसरी पीढ़ी (1956 – 1963 ) ट्रांजिस्टर

यह कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी की तुलना में तेज होते थे और इनमें वेक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाने लगा था ट्रांजिस्टर का आविष्कार 12 सितंबर 1958 में हुआ था तथा इस को प्रयोग करने के बाद कंप्यूटर की स्पीड पहले से तेज हो गई थी लेकिन इन कंप्यूटरों में भी बिजली की अधिक खपत होती थी।
ट्रांजिस्टर, दूसरी पीढ़ी
Transistor

इस पीढ़ी में भी पहले की तरह ही इनपुट के लिए पंच कार्ड व आउटपुट के लिए उनका इस्तेमाल किया जाता था ।

लेकिन इन पीढ़ी प्रोगाम लिखने के लिए बाइनरी भाषा की जगह असेम्बली भाषा का प्रयोग किया जाने लगा था।
असेम्बली भाषा में अंग्रेजी के अक्षरों को कोड के रूप में प्रयोग किया जाता था।
 

3. तीसरी पीढ़ी (1964 से 1973) इंटीग्रेटेड सर्किट

इसमें सबसे बड़ा बदलाव था कि इनपुट देने के लिए कीबोर्ड और आउटपुट लेने के लिए मॉनिटर का प्रयोग किया जाने लगा और सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग इसी पीढ़ी में ही किया गया जो कि एक CUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम था और आपको बता दूं कि सी यू आई की फुल फॉर्म Character user interface होती है।
Integrated circuit, तीसरी पीढ़ी
Integrated circuit
तीसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर के जगह आई.सी ( Integrated Circuit ) का प्रयोग किया जाने लगा इसका आविष्कार 1958 में जैक किलबी ने किया था।
I.C के प्रयोग से कंप्यूटर का आकार बहुत छोटा और पहले से तेज भी हो गया था।
इस पीढ़ी में कंप्यूटर में प्रोग्राम लिखने के लिए उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग किया जाने लगा था ये कंप्यूटर एक समय में एक से अधिक काम कर सकते थे।

4. चौथी पीढ़ी ( 1973 – 1982 ) माइक्रोप्रोसेसर

चौथी पीढ़ी में कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जाने लगा जो की सिलिकॉन से बनी एक चिप होती थी जिस पर हजारों I.C एक साथ लगी होती है।
 
माइक्रोप्रोसेसर, चौथी पीढ़ी
Microprocessor
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में GUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया जो की काम में लेने के लिए बहुत आसान था।
GUI की Full form – Graphical User Interface होती है। तथा इस GUI आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम का उदाहरण “विंडोज” है।
इस पीढ़ी में ही माउस का प्रयोग शुरू हुआ और प्रोग्राम लिखने के लिए कुछ उच्च स्तरीय भाषाओं को विकसित किया गया जैसे – C Language, C++ Language.
 

5. पांचवी पीढ़ी ( 1982 – वर्तमान समय ) Artificial intelligence

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी A.I के साथ विकसित हुई, ए.आई का मतलब एक मशीन जो मानवीय गुणों को समझ सके।
इस पीढ़ी में अभी भी विकास चल रहा है, इस पीढ़ी के कुछ गुण हम आजकल विभिन्न रूप में इस्तेमाल करते हैं।
जैसे – फिंगर प्रिंट, रोबोट, आवाज द्वारा इनपुट देना आदि।
इस पीढ़ी का उद्देश्य एक ऐसी मशीन का निर्माण करना है जो यूजर की भाषा को पूरी तरह समझ सके और उसका सही प्रकार से जवाब दे सके और सही आउटपुट प्रदान कर सके।
 
Computer Generation, Computer ki peediyan
Computer
और आजकल कंप्यूटर बहुत एडवांस हो चुका है और आज के कंप्यूटर की मदद से हम सभी प्रकार के काम हम आसानी के साथ के सकते हैं आजकल के कंप्यूटरों में अधिक स्पीड होने के कारण सभी लोग अपना काम कंप्यूटर के माध्यम से या ऑनलाइन करना चाहते हैं।
और सबसे अच्छी बात यह है कि कंप्यूटर हमारा समय बचाता है यही कारण है कि लोग ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं।उड़ान इंस्टीट्यूट से सीसीसी का कोर्स करें